Maa Mahagauri Vrat Katha Puja Vidhi | माँ महागौरी की पूजा विधि कथा मंत्र और आरती

Maa Mahagauri Vrat Katha Puja Vidhi. मां महागौरी की पूजा विधि कथा मंत्र और आरती। नवरात्रि के आठवे दिन देवी महागौरी की पूजा कैसे करे? इसकी पूरी जानकारी आप सभी को मेरी इस पोस्ट में मिलने वाली है।

Jun 8, 2025 - 16:53
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Maa Mahagauri Vrat Katha Puja Vidhi | माँ महागौरी की पूजा विधि कथा मंत्र और आरती
Maa Mahagauri Vrat Katha Puja Vidhi

Maa Mahagauri Vrat Katha Puja Vidhi | मां महागौरी की पूजा विधि कथा मंत्र और आरती। नवरात्रि के आठवे दिन देवी महागौरी की पूजा कैसे करे? इसकी पूरी जानकारी आप सभी को मेरी इस पोस्ट में मिलने वाली है।

Maa Mahagauri Vrat Katha Puja Vidhi 

हमारे हिन्दू धर्म में हर साल नवरात्री का त्यौहार 2 बार आता है। एक आता है गर्मी शुरू होने पर (चैत्र नवरात्र) और एक आता है सर्दी शुरू होने पर। इन दोनों ही समय नवरात्री के दिन माता के 9 रूपों की पूजा का विधान है। यहाँ मैं आपको विस्तार से एक एक रूप के बारे में जानकारी देने वाला हु। ताकि आप सभी लोग माता के सभी रूपों की पूजा सही तरीके से कर सको। पूजा के बारे में बताने से पहले मैं इस साल नवराति की उस तारीख के बारे में बताने वाला हु। जिसमे आप देवी के अलग अलग रूप की पूजा कर सकते हो।

माँ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। हिमालय में तपस्या करते समय गौरी का शरीर धूल-मिट्टी से ढँककर मलिन हो गया था जिसे शिवजी ने गंगा जल से मलकर धोया, तब गौरवर्ण प्राप्त हुआ था. इसलिये वे विश्व में 'महागौरी' नाम से प्रसिद्ध हुईं।

माँ महागौरी का श्लोक :

श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः ।

 महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा ।।

माँ महागौरी स्वरुप :

अस्त्र-शस्त्र - त्रिशूल

वाहन - वृषभ

देवी महागौरी के वस्त्र एवं आभूषण श्वेत हैं, इनकी चार भुजाएँ, वाहन वृषभ है। दाहिना हाथ अभय मुद्रा और दूसरे हाथ में त्रिशूल है। बाएँ हाथ में डमरू और नीचे का बायाँ हाथ वर-मुद्रा में है। ये सुवासिनी, शांतमूर्ति और शांत मुद्रा हैं।

माँ महागौरी मंत्र 

ॐ भूर्भुवः स्वः महागौरी इहागच्छ इहतिष्ठ। महागौर्यै नमः ।

महागौरीमावाहयामि स्थापयामि नमः ।। पाद्यादि पूजनम्बिधाय ।।

ॐ सुन्दरीं स्वर्णवर्णागीं सुखसौभाग्यदायिनीम् ।

संतोष-जननीं देवीं सुभद्रां पूजयाम्यहम् ।।

माँ महागौरी की आराधना महत्व :

माँ महागौरी की कृपा से अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। माँ भक्तों का कष्ट दूर करती हैं। इनकी उपासना से आर्तजनों के असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। अतः इनके चरणों की शरण पाने के लिए हमें सर्वविध प्रयत्न करना चाहिए। देवी की आराधना, अमोघ और शुभ फलदायिनी है। भक्तो के पूर्व संचित पाप का विनष्ट होते हैं।

Maa Mahagauri Vrat Katha

पुरानी कथा के अनुसार माता पार्वती ने महादेव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए पूर्ण जन्म में बहुत कठिन तपस्या की थी। और फिर शिव जी को पति के रूप में प्राप्त किया था। महादेव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए जब मां ने कठोर तपस्या की थी। तब महागौरी का शरीर धूल मिट्टी से मालिन यानी काला हो गया था। तब महादेव ने गंगाजल से मां को गंगा से स्नान कराया। और उनका मेल दूर किया था। गंगा से स्नान करने के बाद महागौरी का तन गोरा हो गया था। इसी कारण देवी का नाम  का नाम महागौरी पड़ा।  

माँ महागौरी की पूजा विधि

  • नवरात्री के दिन देवी माँ महागौरी की पूजा करने के लिए आप जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद देवी माँ महागौरी का स्मरण करे। 
  • इसके बाद पूजा करते टाइम फुल को हाथ में लेकर माँ महागौरी का ध्यान करे। 
  • इसके बाद देवी को पंचाम्त्र्र स्नान कराये, इसके बाद देवी को सुहाग की सामग्री भेट करे। माता को नीला रंग बहुत पसंद है। इसलिए माता का आसान भी नील रंग का बिझाये।   
  • माँ महागौरी को फुल कुमकुम सिंदूर अर्पित करे।      
  • माता महागौरी को काले चने और पंचमेवा का भोग अवश्य लगे 
  • इसके बाद माँ महागौरीको दीपक को कपूर से माता महागौरी की आरती करें इस दिन कई लोग कन्या पूजन भी करवाते हैं 
  • कन्याओं को घबराकर खाना खिलाएं और उनकी और अपनी सामर्थ्य के अनुसार उन्हें बैठने उन्हें भेज दे 

आरती देवी स्कंदमाता की 

  • आरती देवी महागौरी
  • जय महागौरी जगत की माया।
  • जया उमा भवानी जय महामाया।।
  • हरिद्वार कनखल के पासा।
  • महागौरी तेरी वहां निवासा ।।
  • चंद्रकली ओर ममता अंबे।
  • जय शक्ति जय जय माँ जगंदबे ।।
  • भीमा देवी विमला माता।
  • कौशिकी देवी जग विख्यता ।।
  • हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
  • महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ।।
  • सती (सत] हवन कुंड में था जलाया।
  • उसी धुएं ने रूप काली बनाया।।
  • बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
  • तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ।।
  1. पहले दिन होती है मां शैलपुत्री की पूजा विधि कथा मंत्र और आरती की जानकारी 
  2. दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि कथा मंत्र और आरती की जानकारी 
  3. तीसरे दिन होती है मां चंद्रघंटा की पूजा विधि कथा मंत्र और आरती की जानकारी 
  4. चौथे दिन होती है माँ कुष्मांडा की पूजा विधि कथा मंत्र और आरती की जानकारी 
  5. पांचवे दिन होती है माँ स्कंदमाता की पूजा विधि कथा मंत्र और आरती की जानकारी 
  6. छठे दिन होती है मां कात्यायनी की पूजा विधि कथा मंत्र और आरती की जानकारी 
  7. सातवें दिन होती है मां कालरात्रि की पूजा विधि कथा मंत्र और आरती की जानकारी 
  8. आठवें दिन होती है मां मां महागौरी की पूजा विधि कथा मंत्र और आरती की जानकारी 
  9. आखिरी दिन होती है मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि कथा मंत्र और आरती की जानकारी 

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