योग और प्राणायाम करने का सही तरीका
योग और प्राणायाम करने का सही तरीका। अगर आप योग करने का सही तरीका पता करना चाहते है। तो मेरे आज के इस आर्टिकल के द्वारा आप सभी को योग और प्राणायाम करने की सही जानकारी मिलने वाली है।

योग और प्राणायाम करने का सही तरीका। अगर आप योग करने का सही तरीका पता करना चाहते है। तो मेरे आज के इस आर्टिकल के द्वारा आप सभी को योग और प्राणायाम करने की सही जानकारी मिलने वाली है।
योग हमारे जीवन का वो हिस्सा है जिसे हमे रोज करना चाहिए। योग करने से हमारा शरीर और मन दोनों ही स्वस्थ रहते है। आजकल योग हर कोई अपने जीवन में शामिल कर रहा है। ताकि उसका शरीर स्वस्थ रह सके। योग से जुड़े कुछ आर्टिकल मैं पहले भी अपनी इस वेबसाइट पर दे चूका हु। जिसमे सबसे पहला आर्टिकल योग क्या है? इसके प्रकार, फायदे और सही अभ्यास विधि की संपूर्ण जानकारी आपको आर्टिकल में दी गयी है।
मेरा दूसरा आर्टिकल योग करने का सही तरीका और शुरुआती लोगों के लिए आसान गाइड से जुड़ा है जिसमे आपको विस्तार से शुरुआती लोगों के लिए योग की जानकारी मिलने वाली है। इसके बाद मेरा आर्टिकल योगाभ्यास में होने वाली गलतियाँ और उपाय से जुड़ा है। जिसमे आपको योग के समय होने वाली गलतियों की जानकारी विस्तार से मिलने वाली है। अपने आज के इस आर्टिकल के द्वारा आप सभी को योग और प्राणायाम करने का सही तरीका की जानकारी मिलने वाली है।
योग और प्राणायाम करने का सही तरीका
योग और प्राणायाम दोनों ही भारत की प्राचीन विद्या का हिस्सा हैं। जहाँ योग शरीर, मन और आत्मा के समन्वय की प्रक्रिया है, वहीं प्राणायाम श्वास के द्वारा जीवन ऊर्जा (प्राण) को नियंत्रित करने की एक विधि है। इस लेख में हम योग और प्राणायाम के बीच का अंतर, प्राणायाम के प्रमुख प्रकार, करने का सही तरीका और इससे मिलने वाले लाभों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
1. योग और प्राणायाम में अंतर
विषय | योग | प्राणायाम |
परिभाषा | योग एक सम्पूर्ण जीवनशैली है जिसमें आसन, प्राणायाम, ध्यान आदि शामिल हैं | प्राणायाम श्वास की गति और नियंत्रण की क्रिया है |
उद्देश्य | शरीर, मन और आत्मा का संतुलन | जीवन ऊर्जा (प्राण) का संतुलन और शुद्धिकरण |
विधि | आसनों, ध्यान और अनुशासन का पालन | श्वास को नियंत्रित करना - रोकना, छोड़ना, भरना |
प्रभाव | शारीरिक, मानसिक और आत्मिक लाभ | मानसिक शांति, फेफड़ों की शक्ति, एकाग्रता बढ़ाना |
2. प्रमुख प्राणायाम के प्रकार
1. अनुलोम-विलोम प्राणायाम
- विधि: एक नासिका से श्वास लेना, दूसरी से छोड़ना और फिर क्रम उलटना।
- लाभ: मानसिक संतुलन, रक्तचाप नियंत्रित, तनाव दूर करता है।
2. कपालभाति प्राणायाम
- विधि: तेज गति से श्वास बाहर निकालना, सांस अंदर अपने आप जाती है।
- लाभ: पाचन सुधारे, वजन कम करे, मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ाए।
3. भ्रामरी प्राणायाम
- विधि: श्वास लेकर "भ्रररर" की आवाज गूंजते हुए बाहर छोड़ना।
- लाभ: मानसिक तनाव, चिंता और अनिद्रा दूर करता है।
4. उद्गीत प्राणायाम
- विधि: गहरी सांस लेकर "ओम" का उच्चारण करना।
- लाभ: ध्यान में मदद, सकारात्मक ऊर्जा का संचार।
5. शीतली व शीतकारी प्राणायाम
- विधि: जीभ मोड़कर या दांतों के बीच से सांस लेना और नाक से छोड़ना।
- लाभ: शरीर को ठंडक मिलती है, गर्मियों में विशेष लाभकारी।
3. प्राणायाम करने का सही तरीका
1. समय और स्थान
- प्रातः काल खाली पेट करें।
- शांत और स्वच्छ वातावरण में करें।
2. श्वास की गति
- धीरे और नियंत्रित श्वास लें और छोड़ें।
- किसी भी प्राणायाम को जबरदस्ती न करें।
3. क्रम
- पहले अनुलोम-विलोम, फिर कपालभाति, फिर भ्रामरी और अंत में ध्यान करें।
4. नियमितता और संयम
- रोज़ाना कम से कम 15-30 मिनट अभ्यास करें।
- आरामदायक कपड़े पहनें और सही मुद्रा में बैठें।
4. सावधानियाँ
- उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, या सांस की बीमारी हो तो विशेषज्ञ से सलाह लें।
- प्राणायाम खाली पेट ही करें।
- बहुत तेज़ गति से श्वास क्रिया न करें।
निष्कर्ष
प्राणायाम योग का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है जो हमें आंतरिक शक्ति, मानसिक शांति और ऊर्जा प्रदान करता है। यदि इसे सही तरीके से और नियमित रूप से किया जाए तो यह जीवन को स्वस्थ, संतुलित और आनंदमय बना सकता है। आज ही इस अद्भुत अभ्यास को अपनाएँ और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएँ।
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